भारतीय क्रिकेट के सुपरस्टार विराट कोहली ने पर्थ टेस्ट के दौरान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने हुए अपने शानदार शतक से न केवल रिकॉर्ड तोड़े, बल्कि दुनिया के दिग्गज बल्लेबाजों को भी चौंका दिया। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने कोहली के खेल की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी आत्मविश्वास भरी पारी ने उन्हें सफलता दिलाई। आइए इस ऐतिहासिक मुकाबले और इसके अर्थ पर गहराई से नज़र डालें।
विराट कोहली का पर्थ टेस्ट में यादगार प्रदर्शन
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेले गए दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में विराट कोहली के शतक की जमकर तारीफ की। पोंटिंग ने कहा, “विराट ने अपने खेल पर भरोसा करना शुरू किया और दूसरी पारी में वे पहली पारी से बिल्कुल अलग खिलाड़ी नजर आए।”
इस शतक के साथ, विराट ने कई रिकॉर्ड तोड़े और ऑस्ट्रेलिया में खेलते हुए अपनी विशेष पारी जारी रखी। यह उनकी 81वीं अंतर्राष्ट्रीय सेंचुरी थी और टेस्ट में उनकी कुल 30वीं सेंचुरी। 119 मैचों में अब तक विराट ने 9,145 रनों का आंकड़ा छू लिया है, जिसमें उनका औसत 48.13 है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोहली का दबदबा
विराट ने सभी फॉर्मेट मिलाकर 100 शतक पूरे किए हैं। इसमें 54 लिस्ट-ए शतक, 9 टी20 शतक और 37 प्रथम श्रेणी शतक शामिल हैं।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में विराट कोहली 2,000 रन पूरे करने वाले सातवें बल्लेबाज बन गए हैं। उन्होंने 26 मैचों में 2,147 रन बनाए हैं, जिसमें 9 शतक और 5 अर्धशतक शामिल हैं। इस ट्रॉफी में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 186 है।
ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर विराट के 7 टेस्ट शतक अब किसी भी भारतीय खिलाड़ी से अधिक हो चुके हैं। उन्होंने सचिन तेंदुलकर (6 शतक) को भी पीछे छोड़ दिया है और इंग्लैंड के वॉली हैमंड के साथ दूसरे स्थान पर हैं। पर्थ का यह शतक विराट के करियर में ऑस्ट्रेलिया में 12वां अंतर्राष्ट्रीय शतक था।
रिकी पोंटिंग ने दी अनुभवी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को सलाह
रिकी पोंटिंग ने संघर्ष कर रहे सीनियर बल्लेबाज स्टीव स्मिथ और मार्नस लाबुशेन को करारे सुझाव दिए। उन्होंने कहा, “विराट ने आत्मविश्लेषण कर अपनी ताकतों पर ध्यान दिया। स्मिथ और मार्नस को भी यही करना होगा – अपनी क्रिकेट पर विश्वास रखना और अपनी मनोवृत्ति में बदलाव लाना होगा।”
पोंटिंग ने आगे कहा कि कठिन समय में बल्लेबाज को रन बनाने का सकारात्मक नजरिया अपनाना चाहिए और आउट होने के डर से बचना चाहिए। उन्होंने एडिलेड टेस्ट को ऑस्ट्रेलिया के लिए एक बड़ा मौका बताया और मानसिकता में बदलाव को सफलता की कुंजी बताया।
लाबुशेन और स्मिथ के लिए मुश्किल समय
पर्थ टेस्ट में मार्नस लाबुशेन का खराब प्रदर्शन जारी रहा। पहली पारी में वे 52 गेंदों में केवल 2 रन बना सके और दूसरी पारी में सिर्फ 3 रन ही बना पाए। ऑस्ट्रेलिया को इस मुकाबले में 295 रनों से हार का सामना करना पड़ा।
लाबुशेन ने ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (2023-25) के 13 मैचों में सिर्फ 658 रन बनाए हैं, औसत 27.41 का है, जिसमें सिर्फ एक शतक और पांच अर्धशतक शामिल हैं। इस साल उनके छह टेस्टों में औसत 24.50 का रहा।
स्टीव स्मिथ का प्रदर्शन भी सवालों के घेरे में है। उन्होंने WTC के 13 मैचों में 755 रन बनाए हैं, जिसमें उनकी औसत केवल 32.82 रही है।
एडिलेड टेस्ट 6 दिसंबर से शुरू होगा और यह देखना दिलचस्प होगा कि ऑस्ट्रेलिया वापसी कैसे करता है।