भारतीय शेयर बाजार ने एक नया इतिहास रच दिया है! निफ्टी ने शुक्रवार को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचकर बाजार में नया उत्साह पैदा कर दिया। जानिए, इसके पीछे के कारण और आगे के संभावित प्रभाव।
निफ्टी और सेंसेक्स ने बनाए नए रिकॉर्ड
शुक्रवार को एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स 0.52% बढ़कर 20,238.45 पर पहुंचा, जो इसका अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। वहीं, एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 0.44% चढ़कर 67,286.16 पर बंद हुआ। यह तेजी सुबह 9:35 बजे के आंकड़ों के अनुसार दर्ज की गई।
इस तेजी का मुख्य कारण भारत की सितंबर तिमाही में 7.6% की मजबूत आर्थिक वृद्धि दर रही, जो विशेषज्ञों की भविष्यवाणी से कहीं अधिक है। रिक्टर पोल द्वारा अनुमानित 6.8% और भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमानित 6.5% से बेहतर प्रदर्शन करते हुए, उत्पादन के क्षेत्र में तीव्र वृद्धि हुई।
भारत का आर्थिक दृष्टिकोण और विदेशी निवेश
मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट के संस्थापक प्रमोद गुब्बी ने कहा, “भारत का आर्थिक भविष्य सकारात्मक बना हुआ है। सरकार की विविध कैपेक्स पहल निचले स्तर पर खपत को बढ़ावा दे सकती हैं।”
गुब्बी ने आगे कहा कि अमेरिकी ब्याज दर चक्र के शिखर पर पहुंचने की उम्मीद ने जोखिम भरी संपत्तियों जैसे उभरते बाजारों के इक्विटी की ओर धन के प्रवाह को सुगम बनाया है, खासतौर पर भारत में।
नवंबर 2023 में निफ्टी और सेंसेक्स ने इस वर्ष का अपना सर्वश्रेष्ठ महीने दर्ज किया। इसमें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के प्रवाह की प्रमुख भूमिका रही। नवंबर में FPI ने दो महीने की बिक्री श्रृंखला को तोड़ते हुए ₹90 बिलियन (लगभग $1.1 बिलियन) के शेयर खरीदे।
अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू राजनीति का प्रभाव
अमेरिका के वॉल स्ट्रीट इक्विटी इंडेक्स में भी उत्थान देखने को मिला। डाओ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज ने अक्टूबर 2022 के बाद से अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। उपभोक्ता खर्च डेटा से कम होती मांग का संकेत मिलने के बाद ब्याज दरों पर नजरिया सकारात्मक हुआ।
इस बीच, राज्य चुनावों के एग्जिट पोल ने राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे प्रमुख राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मामूली बढ़त दिखाई। वहीं, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में कांग्रेस को बढ़त मिलती नजर आई।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की मुख्य अर्थशास्त्री माधवी अरोड़ा और उनकी टीम ने कहा, “अगर BJP निर्णायक जीत हासिल करती है, तो इससे पार्टी के 2024 के आम चुनाव के लिए मजबूत स्थिति में होने की सहमति बनेगी और इससे बाजारों में एक और उछाल संभव है।”
गौरतलब है कि भारत के आम चुनाव अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले हैं।